बुधवार, 20 दिसंबर 2023

#RajasthanVidhansabha : पहले ही दिन नए विधायकों ने राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने का उठाया मुद्दा

 राजस्थान विधानसभा में पहला दिन

 नए विधायकों ने राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने का उठाया मुद्दा
. पहले दिन दिखी सक्रियता, आधा दर्जन विधायकों ने राजस्थानी में शपथ लेने की मांग रखी

जयपुर, 20 दिसंबर । (विशेष संवाददाता)
राजस्थान विधानसभा में पहली ही बैठक में राजस्थानी को लेकर शपथ लेने वाले विधायकों ने आवाज़ उठाई. राजस्थान  विधानसभा में पहले दिन 192 नवनिर्वाचित लोगों ने विधायक पद की शपथ ली. राजस्थानी भाषा को लेकर सबसे पहले बीकानेर के कोलायत से पहली बार विधायक बने देवीसिंह भाटी के पौत्र अंशुमान सिंह भाटी ने राजस्थानी में शपथ लेने की मांग रखी. विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सर्राफ ने इस बारे में विधानसभा में पूर्व में दी गई व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए कहा कि जब तक राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं सूची में नहीं लिया जाता, राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं दी जाती तब तक राजस्थानी भाषा में शपथ लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती.  इसके बाद, सूरतगढ़ से विधायक डूंगरराम गेदर ने राजस्थानी भाषा में शपथ लेने की जिद की और कहा कि लोकसभा में मैथिली भाषा में शपथ लेने की अनुमति मिली थी, उसी को मद्देनजर देते हुए जो विधायक राजस्थानी में शपथ लेना चाहते हों, उन्हें अनुमति दी जानी चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष के आसन से अनुमति नहीं होने के बावजूद भी बाड़मेर के शिव से विधायक रवीन्द्र सिंह भाटी, भीमराज भाटी, मांडल से उदयलाल भड़ाना ने राजस्थानी में शपथ लेने का मुद्दा उठाकर नई सरकार के सामने राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने पर अपने तरीके से ध्यनाकर्षण करवाया .

अंग्रेजी में एक भी नहीं, संस्कृत में शपथ लेने वालों की भरमार

विधानसभा में शपथ के दौरान अंग्रेजी में एक भी विधायक ने शपथ नहीं ली वहीं संस्कृत में शपथ लेने वालों की भरमार रही. उदयलाल भड़ाना, सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत, बीकानेर पश्चिम से विधायक जेठानंद व्यास, सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा के साथ ही रामगढ़ विधायक जुबैर खान, कामां विधायक नौक्षम चौधरी, डीडवाना विधायक यूनुस खान ने संस्कृत में शपथ ली.इसी तरह वासुदेव देवनानी, स्वामी बालमुकुंदाचार्य ने भी संस्कृत में ही अपनी शपथ ली.

 
विधानसभा में शपथ के दौरान दिखे दिलचस्प नज़ारे
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वासुदेव देवनानी का निर्विरोध निर्वाचन
विधानसभा अध्यक्ष पद पर वासुदेव देवनानी का निर्वाचन लगभग तय हो चुका है. वासुदेव देवनानी ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना नामाकंन भरा. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देवनानी के नाम का प्रस्ताव रखा और कांग्रेस अध्यक्ष एवं विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने इस प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया. ऐसे में वासुदेव देवनानी का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है. राजस्थान में विधानसभा अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचन की परंपरा रही है. इस बार भी यही परंपरा निभाई गई.

गोविंद सिंह डोटासरा ने दिखा दिए तेवर

राजस्थान विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी हों लेकिन विपक्ष भी संख्याबल में पर्याप्त हैं. ऐसे में आने वालों दिनों में राजस्थान विधानसभा इस बार खासी हंगामेदार होने के आसार है. इसकी बानगी तब देखने मिली जब गोविंद सिंह डोटासरा ने अपनी शपथ के तुरंत बाद संसद में सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठाते हुए माहौल गरमा दिया . बाद में प्रोटेम स्पीकर की और से दी गई व्यवस्था में उनके शपथ के अतिरिक्त दिए उद्बोधन को कार्यवाही से हटा दिया गया.